हम गुजराती
………………………हम गुजराती
ताः३/३/१९७४…………………………प्रदीप ब्रह्मभट्ट
ये हाथ हमारे खुशीयोमें है फुलोके सरताज
बनजाये तलवार जब दुश्मनका हो पडकार .
……………………………….……….….ये हाथ हमारे.
जय गरवी गुजरात हमारा नारा है
…………..करदे दीलके दान अपना वादा है
फुल बीखरेंगे हम सबकी राहोंपर
…………..जो हमको देखे यारोके हमयार है
……………………………….……….….ये हाथ हमारे.
हरजवान,हरकिसानका सच्चा नारा है
………….हरकाम हमारे होंगे देशकी खातीर ही
देखेंगे हम सब उनको खुशहाली मे
…………ये नारा हीनही ये सच्चे दीलका वादाहै
……………………………….………..…ये हाथ हमारे.
करदे हम बलिदान ये हमारी नीयत है
……….ये देशहै अपना ओर सब हमारे अपने है
परदीप वो बन जायेगा जो देगा बलिदान
………ये अपनाहै अपनाही रहेगाशान हमारेहाथोमें
……………………………….………..…ये हाथ हमारे.
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