श्री मृदलजीको सप्रेम
Shree Mridal Krishan Goswamiji
…..
.श्री मृदलजीको सप्रेम
ताः७/८/२०१८ प्रदीप ब्रह्मभट्ट भक्तिप्रेमकी ज्योत पकडके,वृदावनसे लाकर भक्तोको प्रेम दे जाय भागवतकथाकी पवित्रकेडीसे,राधाजीके संग श्रीकृष्णकी कृपा दे जाय ......येही पवित्रप्रेम पकडके,श्री मृदलजी ह्युस्टनमें प्रेमसे कथा कर जाय. निर्मलभावसे कथा करे,जिससे भक्तोको पवित्रभक्तिमार्ग ही मीलजाय पावनराहकी केडी पकडनेसे,कृपासे जीवको सुखशांन्ति भी मीलजाय बांकेबिहारी परिवारका संग करनेसे,उज्वळ जीवननी केडी मीलजाय येही पवित्रराह पकडके जीनेसे,श्रध्धा प्रेमकी वर्षा जीवनमे मीलजाय ......येही पवित्रप्रेम पकडके,श्री मृदलजी ह्युस्टनमें प्रेमसे कथा कर जाय. भजनभक्तिकी पवित्रराह मीली मृदलजीसे,जो पावनदर्शनभी दे जाय मानवताकी महेंक प्रसरती जीवनमे,जो जोजीवका जन्मसफल करजाय पावनकर्मके संग भक्ति करके जीवनमें,हमे पावनभक्तिमार्ग दे जाय परमात्माकी कृपा मीले भक्तोको,जो उनकी बताई राह से मील जाय ......येही पवित्रप्रेम पकडके,श्री मृदलजी ह्युस्टनमें प्रेमसे कथा कर जाय. ========================================================== भगवान श्रीकृष्णकी परम कृपासे आप भागवत कथा करने ह्युस्टन पधारे ये पवित्रयाद रूपे ये कविता आपको सब भक्तोकी यादके लीये सप्रेम भेंट. ली.प्रदीप ब्रह्मभट्टके साथ सब भक्तोके जय श्री राधे कृष्ण.