May 30th 2016

पवित्र भक्तिराह

             पुज्य श्री म्रुदलक्रीशन गोस्वामी

Mrudal krishanji maharaj               

 

 

 

 

 

 

 

                     पवित्र भक्तिराह

ताः३०/५/२०१६                  प्रदीप ब्रह्मभट्ट

राधे क्रुष्ण राधे क्रुष्ण जपते,म्रुदलजी ह्युस्टन आये आप
श्रध्धा भक्तिकी राह दीखाने,श्री क्रुष्णने प्रेरणाकी है आज
………येही आपकी पवित्र भक्तिराह,जो क्रुष्णक्रुपाए मील रही है आज.
पवित्रराह पकडके आये हो,देने भक्तोको उज्वल भक्तिराह
असीमक्रुपा हो रही है,जो आपके दर्शनसे मील रहीहै आज
पावनराहको देनेही ह्युस्टनमे,परमात्मा लेकर आये आज
निर्मळभक्ति प्रेमसे करतेहो,जो आपको प्रेरणा होती साथ
……..येही आपकी पवित्र भक्तिराह,जो क्रुष्णक्रुपाए मील रही है आज.
मनमे श्रध्धाको रखके सौ,आये है हरिभक्तो मंदीरमे आज
आशिर्वादकी आपकी एकही द्रष्टि,दे पावन भक्तिराहका संग
श्री क्रुष्ण क्रुपा हो जायेगी,साथमें राधिकाजी आयेहे आज
येही आपकी पवित्रराह है,जो हमे मीलरही हे कथाके साथ
……..येही आपकी पवित्र भक्तिराह,जो क्रुष्णक्रुपाए मील रही है आज.

==+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++==

.   .ह्युस्टनमे रहेते भक्तोको भगवान श्री क्रुष्ण और राधामाताकी असीमक्रुपासे
परम पुज्य संत आचार्य महाराज श्री म्रुदलक्रीशन गोस्वामीजी भागवत कथा
करने आये है वो पवित्र प्रसंगकी यादके रूपमें ये काव्य सप्रेम भेंट.
ली.प्रदीप ब्रह्मभट्ट और साथमें भक्तोका वंदन.

No Comments »

No comments yet.

RSS feed for comments on this post. TrackBack URI

Leave a comment