January 27th 2018
. .भारत देश
ताः२७/१/२०१८ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
दुनीयामें मेरा भारत देश है महान,जीसने जगतमें नामना पाइ है
जन्म मीला भारतमें,अनेक देशमें आकर उज्वळ राह दीखाई है
......येही शान है दुनीयामें भारतकी,जो भारतीयोने अजबराहसे बताई है.
श्रध्धा रखके पावनराह पकडके,जीवनमें उज्वल कर्मही करते है
निर्मळ भावसे महेनत करके,जगतमें अजबकाम भी कर जाते है
जीवनमे तनमनसे कर्म है करते,जो सफलताकी राहसे दीखता है
अवनीपर आकर जीवने देहसे,भारतकी शान दुनीयामें प्रसराई है
......येही शान है दुनीयामें भारतकी,जो भारतीयोने अजबराहसे बताई है.
पवित्र भुमी जगतमें है भारत,जहां परमात्माने भी देह ले लीयाथा
पावनकर्मका संबंधहै जीवको,जो मानवके वर्तनसे दीखाई देता है
श्रध्धा और विश्वाससे जगतमे कामहै करते,सफळता मील जातीहै
ना मोहमायाका कोइ संबंध स्पर्शे,ये जगतमें नामना कहेलाती है
......येही शान है दुनीयामें भारतकी,जो भारतीयोने अजबराहसे बताई है.
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