सांइ दर्शन
सांइ दर्शन
ताः१०/४/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
शेरडी आके महेंका ये मन
लगता पाया उज्वल जीवन
कृपामें पाइ द्रष्टि आकर
बाबा मेरे है प्रेमके सागर
भक्तिकी एक छोटी लकीरसे
बाबा मैने पाया शेरडी धाम
उंचनीचका ना कोइ बंधन
ना नातजातमें है विखवाद
प्यारे बाबा मैने आके पाया यहां सबका प्यार
दर्शन बाबा करके तुम्हारा
जगकी शांन्ति यहां है पाइ
मनमे मैने पाइ शांन्ति
तनसे बाबा करु मै वंदन
उज्वळ जीवन महेंक भक्तिकी
पाकर दर्शन तेरे मैं पाउ
कर्म जीवका मर्म तनका
समझ सभी कुछमैं पाया
प्यारे बाबा मैने आके पाया यहां सबका प्यार
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