प्यारका दीप
प्यारका दीप
ताः२८/४/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
दीया जले जब दीलमें, उसे प्यार कहते है
हर इन्सानके दीलमें, वो हरपल जलते है
………दीया जले जब दीलमें.
प्यार भरा संसार है ये, यहां पाना सबको है
ना उचनींच उसकेअंदर.वो सबको मिलता है
हरपल वो दिलके अंदर, गुंजता ही रहेता है
आंखे देती है इशारा, वो छुप नहीं शकता है
………दीया जले जब दीलमें.
कदमकदम पे मीलता है, ना पहेचान है कोइ
सच्चा प्यारवहां रहेता,जहां प्यारकीदिलमेजोली
एककदम भी चलपायेतो,है उज्वलताकी पहेली
मीलता प्यारभरा दीप जहां सच्चेप्यारकी हेली
………दीया जले जब दीलमें.
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