मंझील पाइ
मंझील पाइ
ताः१५/५/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
अरमान दिलमें एक था,
प्यार भरे संसारमें खुशी साथमें आये;
आकर प्यार मीला जब मुझको,
लगा अपने जीवनमें मंझील मैंने पाइ.
……..अरमान दिलमें एक.
दीलमे एक महेंक आयी थी,
प्यार भरा संसार जगमे आये;
लेकर हाथ सब अपनोके साथ,
उन्नत जीवन जगमे मैं पाजाउ.
……..अरमान दिलमें एक.
सोचके दीलमें प्यार भरा था,
मंझील पाने जाग रहा था;
जगजीतजीकी आवाज सुनी जब;
सुरीली संगीतकी सरगम मैने पाइ.
……..अरमान दिलमें एक.
ख्वाबोकी दुनीयामें चल रहा जब,
भुल गया था सच्चे जगकी मंझील;
आ गया जब ख्वाबोका किनारा,
सच्ची राह भरी मंझील मैंने पाइ.
……..अरमान दिलमें एक.
प्यार भरे संसारमें खुशी साथमें आये;
आकर प्यार मीला जब मुझको,
लगा अपने जीवनमें मंझील मैंने पाइ.
……..अरमान दिलमें एक.
दीलमे एक महेंक आयी थी,
प्यार भरा संसार जगमे आये;
लेकर हाथ सब अपनोके साथ,
उन्नत जीवन जगमे मैं पाजाउ.
……..अरमान दिलमें एक.
सोचके दीलमें प्यार भरा था,
मंझील पाने जाग रहा था;
जगजीतजीकी आवाज सुनी जब;
सुरीली संगीतकी सरगम मैने पाइ.
……..अरमान दिलमें एक.
ख्वाबोकी दुनीयामें चल रहा जब,
भुल गया था सच्चे जगकी मंझील;
आ गया जब ख्वाबोका किनारा,
सच्ची राह भरी मंझील मैंने पाइ.
……..अरमान दिलमें एक.
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भारतीय सुरीले संगीतके बादशाह श्री जगजीतसींगजी
ह्युस्टनमें पधारे उस खुशीमें में ओर मेरे सभी कला रसीकोकी
तरफसे स्वागत करते हुए बहोत प्यारसे अभीवादन करते हुए
समर्पीत करता हु.
ह्युस्टनमें पधारे उस खुशीमें में ओर मेरे सभी कला रसीकोकी
तरफसे स्वागत करते हुए बहोत प्यारसे अभीवादन करते हुए
समर्पीत करता हु.
ली.प्रदीप ब्रह्मभट्ट (ह्युस्टन,टेक्षास)
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