मस्ताना मुसाफीर
मस्ताना मुसाफीर
ताः२४/५/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
कदम जहां धरतीपे रख्खा,
मेरे साथ सभी चलते है
हर कदमपे राह दिखानेवाले,
मुझे मस्ताना मुसाफीर कहेते है
…….कदम जहां धरतीपे.
प्रेमकी मैने पाइ सीडीयां,
जहां हर इन्सानको चलना है
सुखदुःखसे भरा संसारी जगमे
मानवता ही एक बलीहारी है
…….कदम जहां धरतीपे.
ना जगमे कोइ रहेता है
ना कोइ जगमे रह पाया है
आना जाना एक चक्कर है
ना उससे कोइ बच पाया है
…….कदम जहां धरतीपे.
अजर अमर वो रह जाते है
जो भक्ति प्रेमसे जीते है
भक्तिकी मस्ती है जगमें निराली
जो जीव संग चली जाती है
…….कदम जहां धरतीपे.
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