सांइकी भक्ति
सांइकी भक्ति
.ताः२/५/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
सांइराम सांइराम रटते रहो,
जीवनमें शांन्ति पाते चलो;
रटते रहो प्रभु भक्तिके साथ,
रहे ना जीवनमें कोइ आश.
……..सांइराम सांइराम.
करुणाके सागर संत दयालु,
रहते है हर भक्तो के साथ;
प्रेम भावसे भक्ति जो करते,
अंतरमें आनंद वो पाते रहते.
…….सांइराम सांइराम.
दीलमे कोइ अरमान जो जागे,
सांइ कृपासे पुरे हो जातेः
प्यार जगतका मिल जायेगा,
भक्तिसे जब सब मील जायेगा.
…….. सांइराम सांइराम.
======राम राम सांइराम,राम राम सांइराम=======