संगीतकी देन
संगीतकी देन
ताः१९/११/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
प्रेम जगमें पाया मैने,ये संगीतकी है देन
सपने मेरे पुरे हो रहे है,ये है प्रभुकी रहेम
……….प्रेम जगमें पाया मैने.
आयी महेंक मेरे जीवनमें.उज्वळ लगता जन्म
प्यारभी पाया जगमें मैने,चाहतमें सबका प्रेम
महेंक गया ये जीवन तबसे,तालमीलेहै जबसे
देख रहा हु सब अपनेको,ना लगे कोइ पराया
……….प्रेम जगमें पाया मैने.
दीलमे अरमा उमंग खीले,नाकोइ उसमे सीमा
प्यार प्रभुका पाया तबसे,संगीतसे मनमें चेन
तालतालसे उमंग उभरे,मीलजाता जगमें प्रेम
नाआये आंधी नातुफान,येही है संगीतकी देन
……….प्रेम जगमें पाया मैने.
ये मंझीलका नाकोइ किनारा,नारहे कहीं व्हेम
प्यारकीछाया मीलके चले,तब दिलपे आयेप्रेम
शांन्तीका तब मीले सहारा,आ जाये सुख चेन
सुलझजाये सबचिंता जगमे,तालतालमेंहै प्रेम
……….प्रेम जगमें पाया मैने.
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