मेरे घर आना
मेरे घर आना
ताः९/२/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट ओ मेरे प्यारे सांइबाबा,तुम आज मेरे घरआना ओ दीनदुखीयोके आधार करदो करुणा अपरंपार लेना भक्ति मेरे द्वार करता मैं सदा मनके साथ ....... ओ मेरे प्यारे बाबा तुम. रामनामका रटण करके हर सबेरे उठ जाता मै भक्ति करना आपसे शीखा ना दुसरि कोइ रीत रहेम अल्लाहकी महेर रामकी दीलमे मेंने पाइ जीवकी शांन्ति मीले तुमसे जन्मसफल होजाय ....... ओ मेरे प्यारे बाबा तुम. मोहमायाका झुठा बंधन जन्म मीले मील जाय साथ रहेना मुक्तिके दीन जब जीव छोडे ये जग पकड अंगुली मेरी रखना कहीं मै फीसल नाजाउ प्यारे बाबा प्यारसे हमको प्यारदेना ना कोइ भ्रम .......... ओ मेरे प्यारे बाबा तुम. ------------------------------------------------------