बाबाके शरणमें
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…………………बाबाके शरणमें
ताः१७/२/२०१२ ……………… प्रदीप ब्रह्मभट्ट
बाबा तेरे शरणमें आया,लेकर श्रध्धा और विश्वास
उज्वळजीवन देकर जीवको,प्रदीपका करदो उध्धार
………………………………….बाबा तेरे शरणमें आया.
सुबहसे में स्मरणमेरहेता,करता सांइबाबाका ध्यान
भक्तिप्रेमसे नितदीन भजता,सुबह और संध्याकाल
मोह मायासे मुझे बचाके,करता जीवकाये कल्याण
शांन्ति देकर हरपळ मुझको,करलो उज्वल येसंसार
………………………………….बाबा तेरे शरणमें आया.
बाबा मेरे घरमें आकर,खोल दो जीवके मुक्ति द्वार
सदातुम्हारी शरळमें मिलता,हमे शांन्तिका सहवास
प्रेमभावसे में पुंजनकरता,पत्नि और बच्चोके साथ
आशिर्वादकी एकबुंद दोबाबा,जोजीवका करे उध्धार
………………………………….बाबा तेरे शरणमें आया.
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