खुशीका दीन
खुशीका दीन
ताः१८/६/२०११ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
चाहे बच्चा हो या बुढा,सबसे प्यार लेते है
मीलजाये जब दीलसे,खुशीके साथ जीते है
उसे हम जीवनमें सबका,प्यार ही कहते है
……….चाहे बच्चा हो या बुढा.
लेकर सबका प्यार यहां, खुशहाल वो रहते है
दिलमे है अरमान छुपे,जो हरबार उभरलेते है
इन्सानकी नियत देखके,वो हरबार संभलते है
सच्चे प्यारकीज्योत हमे,खुशीका दीनही देतीहै
……….चाहे बच्चा हो या बुढा.
अपनोका इन्तजार करे,और गैरोसे मीलता प्यार
कैसी ये करामत कुदरतकी,ना समज पडे नाचैन
जीवनकी हर डगरपे सबको,मिलजाता थोडा प्यार
ला देताहै खुशी संभलके,जो ना मीले हमें हरबार
………..चाहे बच्चा हो या बुढा.
==============================