अदभुत लीला
. अदभुत लीला ताः२५/४/२०२२ प्रदीप ब्रह्मभट्ट समयके साथ चलनेसे मानवदेहको,परमात्माकी पावनक्रुपाही मील जाती है जीवको मानवदेह मीले अवनीपर,येही अदभुतलीला भगवानकी होजाती है ....मळेल मानवदेहपर कुदरतकी पावनक्रुपा होती है,जो जन्ममरणसे मील जाती है. अवनीपरका संबंध जीवका देहसे होता है,मानवदेह ए परमात्माकी क्रुपाहै जीवका अवनीपरका आगमन ए जन्मसे होता है,जे अनेकदेहसे मीलता है परमात्माकी पावनक्रुपासे मानवदेह मळे,जीवको प्राणीपशुजानवरसेबचाताहै मानवदेह ए गतजन्मके देहके कर्मसे मीलता है,नाकोइ दुर रहे सकता है ....मळेल मानवदेहपर कुदरतकी पावनक्रुपा होती है,जो जन्ममरणसे मील जाती है. अदभुतलीला अवनीपर परमात्माकी है,ए मळेलधकी श्रध्धाभक्तिसे मीलतीहै कुदरतकी पावनक्रुपा मानवदेहको,समयके साथ पवित्रकर्म कराये जाते है जीवनमे नाकोइ आशा और अपेक्षा रहे.येही देहको पावनराहसे ले जातेहै पावनक्रुपा मानवदेहको मीले,जो जीवनमे घरमे प्रभुक़ी पुंजा हो जाती है ....मळेल मानवदेहपर कुदरतकी पावनक्रुपा होती है,जो जन्ममरणसे मील जाती है. ###################################################################