जैसी करनी वैसी भरनी
जैसी करनी वैसी भरनी
प्रदिप ब्रह्मभट्ट
करनी वैसी भरनी है भाई,
जो बांटो तो दुःख सुख है भाई.
…करनी वैसी
करता है जो लाख धरम,देता नहीं मनसे जो दान
क्या पायेगा जीवनमें वो, खाली हाथ जो आया
तेरा सच्चा धरम नाजाना,तुने सच्चा करमना पाया
…करनी वैसी
तेरे हाथमें कच्चा सोना, हो जाये फुलधार
पारससे जो मीले तो होता,सोनेकी मुलधार
अजब तेरी कारीगरी करतार,तेरी महिमा अपरंपार
…करनी वैसी
आंखोमे जो बसता सावन,वो उसकी हैयादे
मेरे हमदम मेरे प्यारो,वो जाने दीलकेवादे
हम भीहै बेताब करनेदर्शन तेरे तात सुनले पोकार
… करनी वैसी
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