ख्वाब
ख्वाब
प्रदीप ब्रह्मभट्ट
दीलके ख्वाबमें बसी हो तुम विरानेसे ये जीवनमें,
शान बनके आयी हो, अब जा रही कहां हो तुम.
…दीलके ख्वाबमें
ये नजरे,ये हुस्न ओर ये जाम
सब है गवांह तुम्हारे सच्चे प्यारके
नजरसे बचके चली जाओगी तुम
मेरे दीलके तीरसे कैसे बच पाओगी
…दीलके ख्वाबमें.
जमानेभरकी कसम तु है अब मेरी
तेरी जानो पर ये आज मेरादील है दीवाना
मुझे चाहे या न चाहे हम रहे है तेरे
रहेगे तेरे दीलके सामने दील देके सनम
…दीलके ख्वाबमें.
ये जान तुम्हारी है तुम्हारे हाथोमें मोत
प्यार भरी निगाहोसे देखले दीलसे देदे प्यार
हम रहे है तुम्हारे रहेंगे तुम्हारे
तुम भी तो हो मेरी मैने दीलसे जान लीया है.
…दीलके ख्वाबमें.
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