भारत मेरा महान
भारत मेरा महान
ताः२ अगस्त २००८ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
आणंद मेरी जन्मभुमी है, भारत मेरी कर्म भुमी है
जीसकी ना है कोइ मिशाल….(२)
प्रेम भक्तिसे भरी ये धरती, सचकी राह पे चली रही है आज
जगकी शान जो बन ही चुका है, वैसा मेरा भारतदेश महान
… जय जय हिन्दुस्तान बोलो जय जय हिन्दुस्तान
विश्वजगतकी पवित्र है ये धरती, जिसकी मिट्टी मे है सोना
खळखळ बहेती धारा नदीयांकी, जहा प्रभुका होता था बसेरा
राम कृष्णके पावन पगले, पवित्र भक्ति उसकी है धबकार
… वैसा मेरा भारतदेश है महान
अभिलाषा ना है कोइ अंतरमे, प्यारसे जीओ ओर जीने दो
ना कोइ जीद मानवकी है, ओर ना कोइ ओर ख्वाइस भी
सृष्टीने जव साथ दीया तब, हो गया पावन उज्वल जीवन
… न्यारा प्यारा ऐसा है मेरा वतन
बापु गांधीसे पावन जीवने, मुक्ति देशको अंग्रेजोसे दीलाइ
उज्वल भावना दीलमे रखके, जगतमे रामकी धुन जगाइ
सुख शांन्तिका देके संदेशा, मानवता जगमे है महेंकाइ
….जगतको सीधी सच्ची राह दिखाइ
……मेरा भारत है महान, जीसकी ना है कोइ मिशाल……..
…..ऐसे १५ अगस्तको सलाम…..