भक्ति आगमन
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. भक्ति आगमन
ताः२७/९/२०१२ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
भक्ति भावकी गंगा लेकर आये ह्युस्टन आप
. प्रेम भावना रखके सेवक,दर्शन करते आपके आज
ऐसी भक्ति आपकी अपार,जिसमे प्रेमका भंडार
. ………………. ऐसी भक्ति आपकी अपार.
राधे राधे जपते आये,श्री क्रुष्ण कनैयाके साथ
. व्रुदावनकी कुंजगलीसे,लाये भक्ति प्रेमको आज
मनमंदीरके द्वार खोलके,दिया सब जीवोको प्यार
. सरळ स्नेहसे किर्तन गाके,कर दीया जीवका कल्याण
. ……………….. ऐसी भक्ति आपकी अपार.
श्रध्धा रखके नाम जपनसे,होता है जीवका कल्याण
. मुक्ति राहकी ज्योत मीलनेसे,मिल जाता है प्यार
कुंजबिहारी दर्शन देकर,करते है जीवका सन्मान
. क्रुपाकी केडी मिलनेसे,मीला जाता भक्ति प्रेम अपार
. ………………..ऐसी भक्ति आपकी अपार.
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. .ह्युस्टनमे बांकेबिहारी परिवारके श्री म्रुदल क्रिशनजी महाराज पधारे है
भागवत सप्ताह और भजनकी अलौकिक भक्ति ह्युस्टनके भक्तोको देकर बहोत
पवित्र कार्य किया है उसी समयकी याद की तौर पे ये काव्य सप्रेम अर्पण.
ली.प्रदीप ब्रह्मभट्ट परिवार साथमें हिरेनभाइ परिवार २७/९/२०१२ (ह्युस्टन)