गहेराइ
…………………………. गहेराइ
ताः३०-५-१९७७ …….. प्रदीप ब्रह्मभट्ट
पावन तेरे दर्शन है,
…………………………जो कभी ना भुल पाउगा
गहेरा तेरा चहेरा है,
…………………………जो कभी ना समझमै पाउगा
तेरे आंगनमें जो फुल खीले,
………………………….कभीना मुरझा पायेगे
नैनोकी तेरी बानीको,
…………………………..कभी ना पढ मै पाउगा
कर्मोकी तेरी लीलाको,
…………………………..कभी ना मै लीख पाउगा
दर्शन से तेरे मुक्तानंद,
………………………….. परम शांन्ती मै पाउगा
ओ प्राणसे प्यारे बाबा,
……………………………तेरे चरणकमल मै पाउगा
मुक्त बनेगे मुक्तानंदसे,
……………………………जो कभी न जगमें आयेंगे
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……….महाराष्टके गणेशपुरीके गुरुदेव सीध्धपीठ आश्रमके पु.बाबा की सेवामे
ये लेख सर्मपीत करते हुए आणंद, गुजरातसे प्रदीप ब्रह्मभट्ट तथा परीवारकी
ओर से बाबाको वंदन सहित प्रणाम.
ताः३०-५-१९७७, आणंद.