तेरी धमाल
ताः२२/३/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
कैसी तुने की धमाल जीससे हो गइ ये कमाल
तुमको मीलगया सबका प्यार,वो होगये तेरेयार
……..कैसी तुने की धमाल
अब तक तेरे यार नहीं थे, वो दुश्मन थे हरबार
आते जाते हर राहो पे, वो चलते थे सब चाल
तेरे मुश्कील हो जाते थे,वो प्यार भरे सब काम
मंझील तुझको नहीं मीलती, ना होते पुरे काम
……..कैसी तुने की धमाल
आजकादिन है बडानिराला, पहेंचान गये सबलोग
आखिर पायी मंझीलतुने,श्रध्धा प्रेम लगनकाजोग
चार मिले चंडाल तो, जीवन बन जाये बीन मोह
मीलजाये जब सथवार प्रभुका, तोडदे सबके द्रोह
……..कैसी तुने की धमाल
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