June 16th 2009

कदमसे मीले कदम

                 कदमसे मीले कदम

ताः१५/६/२००९                     प्रदीप ब्रह्मभट्ट

एक कदम तुम चल पाये तो, राह मीलेगी नरम
कदम दुसरा चल जानेसे, होगा मनमें बडा उमंग
कदम कदमकी संगत चलते,कदमसे मीले कदम
सागर जैसे बडे काममें भी , ना रहेगा कोइ भ्रम
                               ……एक कदम तुम चल पाये.
सच्ची राहपे कदम पडे तो, मिलेगा तुमको कम
धीरज रखके सामने चलना,हो जायेगा वो सरल
राहमें कोइ कांटे आते, तो कोइ रखके भी जाते
नाकोइ रोक पायेगा तुमको, होगा हरअंत सफल
                              ……एक कदम तुम चल पाये.
लगन लगी और महेनत,ना होगा काममें भंग
मीलती है जहां सफलता, कदमपे लगा हो मन
साथ साथ चलने वाले, जब दुर से देख रहे हो
समझेगा ये पावनमन,तुम कीसके साथ चलेथे 
                              ……एक कदम तुम चल पाये.

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