भक्ति आइ
भक्ति आइ
ताः११/७/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
तेरे आने से बहार है आइ,
साथमें तेरे खुशी भी लाइ
महेंका प्यारसे घर ये मेरा,
हर जीवने ज्योति है पाइ
…….तेरे आने से बहार.
मनमें शांन्ति,तनसे शांन्ति,जीवनमे भी है शांन्ति
प्यारमीले ओर प्यार देदे,ऐसी शामसुबह हो न्यारी
जीवन नैया डोलती भी तब,अबखुशी नैयामे आइ
……तेरे आने से बहार.
लगन लगी जब भक्तिकेसंग,बहार जीवनमें है आइ
अपना सब अब मील गया, ना रहा है कोइ पराया
आकर पालो प्यारभक्तिसे,जीवनमें हो जाये उजाला
……तेरे आने से बहार.
मान मोहकी चलती ये नैया, अब दुर हमसे है भागी
जलासांइकी पावन भक्ति,मेरे जीवनमें महेंक है आइ
पवित्र मन ओर उज्वल जीवन, दर्शनदेने भक्ति आइ
……तेरे आने से बहार.
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