प्रभु कृपा
. .प्रभु कृपा
ताः१/५/२०१२ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
यही तो मेरी श्रध्धा है,और यही मेरा है विश्वास
पुरणकाम करने से पहले,वहां प्रभु कृपा हो जाय
. ……………… यही तो मेरी श्रध्धा है.
अवनी पर में आया कर्मसे,येही सच्ची है पहेचान
अपने जीवोके संबंधसे,जगके संबंधको समजाय
जुडे हुए बंधनको समजे,हो जाये सबका कल्याण
आजकालकी नाआफत रहेती,सच्चाप्रेममिलजाय
. ………………..यही तो मेरी श्रध्धा है.
खाली हाथ में आयाथा,और जाना भी हे खाली हाथ
मोह मायाके ये अतुट बंधन,जीव जन्मोमे लबदाय
आजकालका जहां बंधनतुटे,तब समयको समजाय
कलकी राह न देखने पर,सच्ची प्रभु कृपा मिल जाय
. ……………….यही तो मेरी श्रध्धा है.
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