मैं रोटीवाला
मैं रोटीवाला
ताः२२/८/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
मैं रोटी ऐसी बनाउ, जो मुहमें पानी लाये
खाओ सबजीके साथ,ना भुल पायेवो खाके
…….मैं रोटी ऐसी बनाउ.
बनती ऐसी गोलमटोल,जल्दी पेटमे पचती
एक खाओ दुसरी तोडो,
दो दो खाके ख्वाबोसे नाता तुम जोडो
…….मैं रोटी ऐसी बनाउ.
सबजी थोडीही लेते,पर रोटीकोप्रेम वो देते
उंगली दांत तले दबजाये,
जब रोटी मेरी आप प्यारसे है खाते
…….मैं रोटी ऐसी बनाउ.
गरमागरम जब होती,गांवकी याद देजाती
दौडे आते सामने वाले,
महेंकसे आती सेहदमें और एक तेजी
……मैं रोटी ऐसी बनाउ.
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