बाबा के द्वार
बाबा के द्वार
ताः२०/६/२०१० प्रदीप ब्रह्मभट्ट
बाबा त्तेरे द्वार पे आज,मैं भक्ति लेके आया हु
पुंजन अर्चन प्रेम श्रध्धा,साथ मेरे मै लाया हुं
………बाबा त्तेरे द्वार पे आज.
सांइसांइका रटण मनमे,नमन हाथसे करता हुं
श्रध्धा के अतुट बंधनमें,भक्ति प्रेमसे करता हुं
ज्योतभक्तिकी मनमें जगाके,श्रध्धा सबुरी देना
आशीर्वादकी गंगालेके,बाबा द्वार मेरे तुम आना
……….बाबा त्तेरे द्वार पे आज.
आया शेरडी धाम में बाबा,पाने को मुक्ति द्वार
लेकर शरणमें प्रदीपको,उज्वल करो ये संसार
मन,वचनऔरवाणीसे,करदो जीवनका कल्याण
यही भावना रखके मनमें,आया बाबा के द्वार
………बाबा त्तेरे द्वार पे आज.
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