July 13th 2021
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. .ज्योत प्रगटी
ताः१३/७/२०२१ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
प्रेमीओका प्रेम मीला मुझे जीवनमें,जहां परमात्माकी क्रुपा हो गई
अनंतशांंतिकी राह मीली पवित्रकर्मसे,वहां प्रेमकी ज्योतप्रग़टी जाय
....येही प्रेमकी क्रुपा कलमप्रेमीओकी,जो पवित्र कलमकी केडी देजाय.
निखालस पावनप्रेम मील जानेसे,ये अजबक्रुपा माताकी मील जाय
सुखका सागर जीवनमें मील जानेसे,परम निखालसप्रेम मीलता है
नाकोइ अपेक्षा जीवनमें रही,और नामोहमायाका स्पर्शभी हो जाय
येही क्रुपा परमात्माकी देहको मीली,जो जीवनमे प्रेमभीदे जाती है
....येही प्रेमकी क्रुपा कलमप्रेमीओकी,जो पवित्र कलमकी केडी देजाय.
पावनकर्मकी राह मीली जीवनमे,वहा परमप्रेमकी गंगा बहे जातीहै
नाजीवनमे कोइ अपेक्षा रही,वोही परमात्माकाप्रेम खुशीदे जाता है
कलम पकडके चलनेसे,मातानी क्रुपा मीलनेसे रचना हो जाती है
वोही शांन्ति मीलजाती है मनको.वो जीवनमें प्रेमकी राह देजातीहै
....येही प्रेमकी क्रुपा कलमप्रेमीओकी,जो पवित्र कलमकी केडी देजाय.
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