येही रामायण
येही रामायण
ताः१/८/२००९ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
बच्चे बोले बाय बाय और बीबी बोले हाय
येही रामायणहै यहांकी,ना रावण हु ना राम
……..बच्चे बोले बाय बाय.
डगमगती है चालसबकी,संभल संभल चलजाय
आ गया कोइ खड्डा उसमे, ना कांइ समझाय
……..बच्चे बोले बाय बाय.
अपनोपे ना कोइ भरोसा, क्या दुजो पे रखाय
प्यारका सामना करतेकरते,अंतघडी आ जाय
……..बच्चे बोले बाय बाय.
मेरा ना है कोइ यहां पर,सब चलते मंझील पे
लुडख गयेतो साथी ढुढे,और मील जायेपळवार
……..बच्चे बोले बाय बाय.
रामनामकी माला नादेखी,देखे दुनीयाके व्यवहार
मंदीर मस्जीद भरे रहेते,क्या यहां करे इन्सान
……..बच्चे बोले बाय बाय.
मेरे मैने मान लीये थे, ना कभी देखा उसपार
आइ मंझील सामने मेरे,तो चला गया परिवार
……..बच्चे बोले बाय बाय.
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