September 9th 2022

श्रध्धासे भक्ति करो

***Gurudev Gd Vashist - भक्ति में श्रद्धा और सबूरी परम आवश्यक बताया है। सबूरी का अर्थ है सब्र, धैर्य। मनुष्य के जीवन में धैर्य ही ऐसी शक्ति है, जो उसकी ...***
.             श्रध्धासे भक्ति करो

ताः९/९/२०२२                    प्रदीप ब्रह्मभट्ट 
मळेल मानवदेहसे जीवनमे श्रध्धासे भक्ति करनेसे,परमात्माकी क्रुपा मील जाती है 
पवित्रक्रुपासे जीवको मानवदेह मीले,जो जीवनमे पवित्रकर्मका संगाथ मील जाताहॅ
....अवनीपरका आगमन देहका जो अनेकदेहसे,जीवको समयके साथ आना पडता हे.
मानवदेह ये पावनक्रुपा भगवानकी जीवपर,जो निराधारदेहसे जीवको बचा लेती हे
जन्मसे मीलेल मानवदेह ये पावनक्रुपा प्रभुकी,जीवनमे श्रध्धासे प्रभुकीपुंजा होती हे
परमात्माने भारतदेशमे अनेक पवित्रदेहसे जन्मलीया,जीनकी पुंजा धुपदीपसेहोती हे
मानवदेहको जीवनमे पवित्रराह मीले,जहा हिंदुधर्ममे धरमे पुंजासे क्रुपा मीलती हे
....अवनीपरका आगमन देहका जो अनेकदेहसे,जीवको समयके साथ आना पडता हे.
अनेक पवित्रदेहसे जन्म लीया भगवानने,जो भारतदेशको पवित्रदेश कर दीया हे
मीले हुए मानवदेहको हिंदुधर्ममे प्रभुकी क्रुपा मीले,जो जीवको मुक्ति मीलती हे
परमात्माकी पावनक्रुपासे जीवको जन्ममरणका,सबंधछुटनेसे जीवको सुखमीलताहे 
अवनीपरका आगमन विदाय ए देहका कर्म,जो मानवदेहसे जीवनमे हो जाता हे 
....अवनीपरका आगमन देहका जो अनेकदेहसे,जीवको समयके साथ आना पडता हे.
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