June 5th 2021
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. .प्रेम पकडके आया
ताः५/६/२०२१ प्रदीप ब्रह्मभट्ट
प्रेम पकडके आया पवित्र भारतदेशसे,ह्युस्टनमे कलमप्रेमीओका प्रेम मील गया
अनंत पवित्र शांंति मीलती हे मनको,जो कलमकी पवित्रराहसे सबको मीलती है
.....यही मीले देहकी ज्योत प्रगटती है,जो जगतमें मीले देहकी मानवता महेंकाती है.
जनगणमणगानेके साथ भारतदेशको,सलाम करनेसे देशवासीओका प्रेम मीलता हे
मळेल मानवदेहको जीवनमें पवित्र कर्मका,साथ मील जाता है जो प्रेमको देता है
नाकोइ आशा के साथ नाकोइ अपेक्षा रहेगी,जो देहको प्रेमकी पावनक्रुपा देती है
सुखका सागर जीवनमें मीलनेसे परमशांंति,संगे जीवनमे प्रभुकी क्रुपाभी मीलती हे
.....यही मीले देहकी ज्योत प्रगटती है,जो जगतमें मीले देहकी मानवता महेंकाती है.
क्रुपा मीले मानवदेहको जीवनमे अवनीपर,जो पवित्र भावनासे देहमे भक्तिकरते हे
परमात्मा अनेकदेहसे भारतमे जन्मे,जे जगतमे पवित्र भुमी करके प्रेरणा कर गये
मीले देहको पवित्रराह मीले जीवनमे,जो पवित्र कर्म करनेसे प्रेमीओ मीलजाते हे
येही पावनक्रुपा परमात्माकी जगतके देहोपर,जो क्रुपासे जीवको मुक्ति मीलती हे
.....यही मीले देहकी ज्योत प्रगटती है,जो जगतमें मीले देहकी मानवता महेंकाती है.
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